Tuesday, 24 April 2018

                               कृषि एक ऐसा व्यवसाय जिसमे निश्चितता नहीं है



भारत विविधताओं से भरा देश है ,जिसमे विभिन्न प्रकार के लोग निवास करते है | यहाँ  की कृषि में निश्चितता नहीं है | किसान  का ऊंट किस करवट बैठेगा यह कहा नहीं जा सकता  है | जब तक फ़सल कटकर घर नहीं आ जाती है तब तक आशंका की तलवार उसके सर पर कच्चे धागे से लटकी रहती है | कहा नहीं जा सकता किस समय वह टूट कर  गिर पड़े |

  ⇝  अतिवृष्टि , अनावृष्टि ,पाला तुषार जरा से धक्के से उसके स्वप्नों का शीशमहल,परिवार व्यवस्था  का आधार देश की समृद्धि का महल टूट सकता है | 


⇝भारतवर्ष में वर्ष भर में केवल साढ़े ३ महीने की वर्षा होती है, इसकी मात्रा तथा समय बिलकुल अनिश्चित होता है | जब फसल को पानी चाहिए तब पानी नहीं गिरता और जब जरुरत न हो तो मूसलाधार बारिश हो जाती है गौरतलब है की भारत की लगभग 80 % कृषि आज भी वर्षा पर निर्भर रहती है | इसी तरह पाला , तुषार , का भी कोई ठिकाना नहीं है | 


आवयशकता ➼

 ⧫कृषि की ऐसी अनिश्चितता की स्थिति में ऐसा कोई पूरक  व्यवसाय होना आवयशक है जब कभी प्रकृति का उस पर प्रकोप हो तो वो उसके जीवन निर्वाह  का सहारा बन सके | 

कृषि पूर्णकालिक व्यवसाय नहीं है ↭







                                                                                                               @blogger:- vikash sharma


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