आजकल हम लोग देख रहें है की किस प्रकार से बच्चा चोरी की अफवाहे चल रही है ,जिसके कारण निर्दोष लोगो की भीड़ द्वारा हत्या की जारी है। जिसे mob-lynching का नाम दिया जा रहा है। ये सच है की मानव तस्कर द्वारा बहुत समय से बच्चो व महिलाओ की तस्करी की जाती रही है इस पर पुलिस प्रशासन व समाजसेवियों द्वारा समय समय पर कसंजा की कसा जा चुका है। आम तोर पर इन चुराये हुए बच्चो से से भीख मँगवाने, बच्चियो को देह व्यापार मे लगाने ओर बाल मजदूरी करवाते है। कई बार नवजात शिशुओ को भी गायबव करके उनके अंग निकालकर, मानव तस्करो को भेज देते है, जोकि एक परिवार के लिए बेहद दर्दनाक होता है। इस तस्करी के खेल मे बड़े बड़े लोग, अस्पताल शामिल रहते है ओर उनके रहनुमा ऊंचे ओहदे होने के कारण वे बच जाते है।
लेकिन इस आड़ मे कई बार भीड़ निर्दोष लोगो की जान भी ले लेती है , अभी पूर्व मे एक केस आया था की एक बुजुर्ग महिला अपने पोते के साथ गोदी मे लेकर जा रही थी, अब दादी का रंग काला व उस बच्चे का रंग गोरा था, तो सिर्फ भीड़ ने सिर्फ इसी आधार पर उस बुढ़िया को पीटना शुरू कर दिया की तुम बच्चा चोर हो, वह बुजुर्ग महिला उस असहनीय पीड़ा को न झेल सकी जिसके कारण उसकी मोके पर ही म्रत्यु हो गयी। ऐसे अनगिनत मामले है जिनमे बच्चा चोरी की अफवाहे झूठी पाई गयी। यदि आप चोकी जाकर देखे तो किसी ने भी बच्चे के अपरहण की ऐसी कोई सूचना नहीं लिखवाई ज़्यादातर यह सब सोशल मीडिया द्वारा फैलाई गयी भ्रमित सूचना होती है जिन्हे पहचानने मे हमारी आंखे व हमारा दिमाग धोखा खा जाता है।
एक सभ्य समाज मे भीड़ द्वारा निर्दोष लोगो की हत्या करना व कानून को अपने हाथ मे लेना वाकयी गलत और निंदित कार्य है। ऐसे सभी क्रत्यों की सामाजिक लोगो के द्वारा खुले मंच से निंदा करनी चाहिए। यदि भीड़ के इस अंधे कानून पर रोक न लगाई गयी तो यह देश के लोकतन्त्र की शर्मनाक बात होगी।
क्योकि भविष्य मे अनेक संप्रदाय , गुट या अपराधी प्रवर्ती के लोग भीड़ मे शामिल होकर निर्दोष लोगो की हत्या करके अपना मकसद पूरा कर लेंगे ओर आक्षेप उन लोगो पर आएगा जो इस भीड़ को लीड कर रहे थे।
मेरा आप सभी से विनम्र अनुरोध है की किसी के वहकावे मे आकर किसी भी निर्दोष को बच्चा चोरी या किसी भी प्रकार की चोरी मे हिंसात्म्क कार्यवाही न करे , आपसी फिजा को खराब न करे तथा समाज मे संतुलन बनाएँ रखे ।
आपको किसी भी व्यक्ति पर शक होने की स्थिति मे 100 डायल करे या नजदीकी पुलिस स्टेशन मे सूचना दे।
अपने विचार व सुझाव कमेंट मे भेजे, मे आपके मार्गदर्शन का आभारी रहूँगा।
@विकाश शर्मा
लेकिन इस आड़ मे कई बार भीड़ निर्दोष लोगो की जान भी ले लेती है , अभी पूर्व मे एक केस आया था की एक बुजुर्ग महिला अपने पोते के साथ गोदी मे लेकर जा रही थी, अब दादी का रंग काला व उस बच्चे का रंग गोरा था, तो सिर्फ भीड़ ने सिर्फ इसी आधार पर उस बुढ़िया को पीटना शुरू कर दिया की तुम बच्चा चोर हो, वह बुजुर्ग महिला उस असहनीय पीड़ा को न झेल सकी जिसके कारण उसकी मोके पर ही म्रत्यु हो गयी। ऐसे अनगिनत मामले है जिनमे बच्चा चोरी की अफवाहे झूठी पाई गयी। यदि आप चोकी जाकर देखे तो किसी ने भी बच्चे के अपरहण की ऐसी कोई सूचना नहीं लिखवाई ज़्यादातर यह सब सोशल मीडिया द्वारा फैलाई गयी भ्रमित सूचना होती है जिन्हे पहचानने मे हमारी आंखे व हमारा दिमाग धोखा खा जाता है।
एक सभ्य समाज मे भीड़ द्वारा निर्दोष लोगो की हत्या करना व कानून को अपने हाथ मे लेना वाकयी गलत और निंदित कार्य है। ऐसे सभी क्रत्यों की सामाजिक लोगो के द्वारा खुले मंच से निंदा करनी चाहिए। यदि भीड़ के इस अंधे कानून पर रोक न लगाई गयी तो यह देश के लोकतन्त्र की शर्मनाक बात होगी।
क्योकि भविष्य मे अनेक संप्रदाय , गुट या अपराधी प्रवर्ती के लोग भीड़ मे शामिल होकर निर्दोष लोगो की हत्या करके अपना मकसद पूरा कर लेंगे ओर आक्षेप उन लोगो पर आएगा जो इस भीड़ को लीड कर रहे थे।
मेरा आप सभी से विनम्र अनुरोध है की किसी के वहकावे मे आकर किसी भी निर्दोष को बच्चा चोरी या किसी भी प्रकार की चोरी मे हिंसात्म्क कार्यवाही न करे , आपसी फिजा को खराब न करे तथा समाज मे संतुलन बनाएँ रखे ।
आपको किसी भी व्यक्ति पर शक होने की स्थिति मे 100 डायल करे या नजदीकी पुलिस स्टेशन मे सूचना दे।
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@विकाश शर्मा
लोगों को जागरूक होना पड़ेगा। आखिर कब तक किसी दूसरे के भरोसे बैठे रहेंगे। उन दुष्टों को जिनके बड़े बड़े व्यापार चल रहे हैं प्रशासन को जड़मूल उखाड़ देना चाहिए।
ReplyDeleteआपने बिलकुल सही कहा रवीन्द्र जी, प्रशासन को कड़े केडीएम उठाकर इस बास्केट ऑफ क्राइम यानि मानव तस्करी को तत्काल रोक्न होगा
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