एक देश,एक नागरिकता,एक रजिस्टर
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी ने हालिया बयान मे बताया की अब nrc पूरे देश मे लागू होगा। यह ब्यान काफी महत्वपूर्ण व कुछ के लिए उथल पुथल मचानेवाला होगा। क्योकि nrc लागू हो जाने पर घुसपेठीयो को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा, जिससे भारत पर ओर यहाँ की जनसंख्या पर पड़ रहे अनावश्यक बोझ को कम किया जा सके। क्योकि बहुत से देशो से भाग कर लोग यहाँ आकर बस गए ओर जनसंख्या मे एकाएक विस्फोट जेसी स्थिति पैदा कर दी , कई बार ये लोग देश के विरुद्ध गतिविधियो मे लिप्त भी पाये गए है। सबसे पहले NRC को असम मे लागू किया गया क्योकि वहाँ पीआर दूसरे देशो से भाग कर असम मे आए घुसपेठियों ने राज्य के ज़्यादातर संसाधनो का उपभोग करना चालू कर दिया जिसके विरोध मे असम स्टेट्स स्टूडेंट्स यूनियन ने जबरदस्त विरोध किया । तथा हिसंक गतिविधिया भी लंबे अरशे तक चली । सन 1985 मे भारत सरकार के
बीच एक समझोता हुआ। इसमे उन सभी विदेशिओ की पहचान करना शामिल था जो 25 मार्च 1971 के बाद असम मे आये, इसके तहत " अवैध प्रवासी अधिनियम 1983" के द्वारा उनके नाम निर्वाचक नामावली मे से भी तत्काल हटाने का भी उपबंध किया गया।
➝NRC का महत्व -यह अवैध प्रवास को नियंत्रित करेगा
लोगो की पहचान सुनिश्चित करेगा जिससे राजी के लिए नीति बनाने मे उपयुक्त मदद मिल सकेगी।
यह एक पूर्ण दस्तावेज़ होगा जिसके तहत अवैध रूप से रहने से पकड़े जाने पर कारावास का भी प्रावधान होगा।
इससे देश मे चल रही तस्करी व देश विरोधी गतिविधियो पर लगाम लगाई जा सकेगी।
कुल मिलाकर हम कह सकते है की पूरे देश का एक नागरिक रजिस्टर होना चाहिए जिससे एक तो जनसंख्या का सटीकता से पता चल सकेगा , दूसरा राजी द्वारा नीति निर्धारण मे फायदा होगा, तीसरा राज्य के संसाधनो पर अनावश्यक बोझ नहीं पड़ेगा ।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी ने हालिया बयान मे बताया की अब nrc पूरे देश मे लागू होगा। यह ब्यान काफी महत्वपूर्ण व कुछ के लिए उथल पुथल मचानेवाला होगा। क्योकि nrc लागू हो जाने पर घुसपेठीयो को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा, जिससे भारत पर ओर यहाँ की जनसंख्या पर पड़ रहे अनावश्यक बोझ को कम किया जा सके। क्योकि बहुत से देशो से भाग कर लोग यहाँ आकर बस गए ओर जनसंख्या मे एकाएक विस्फोट जेसी स्थिति पैदा कर दी , कई बार ये लोग देश के विरुद्ध गतिविधियो मे लिप्त भी पाये गए है। सबसे पहले NRC को असम मे लागू किया गया क्योकि वहाँ पीआर दूसरे देशो से भाग कर असम मे आए घुसपेठियों ने राज्य के ज़्यादातर संसाधनो का उपभोग करना चालू कर दिया जिसके विरोध मे असम स्टेट्स स्टूडेंट्स यूनियन ने जबरदस्त विरोध किया । तथा हिसंक गतिविधिया भी लंबे अरशे तक चली । सन 1985 मे भारत सरकार के
बीच एक समझोता हुआ। इसमे उन सभी विदेशिओ की पहचान करना शामिल था जो 25 मार्च 1971 के बाद असम मे आये, इसके तहत " अवैध प्रवासी अधिनियम 1983" के द्वारा उनके नाम निर्वाचक नामावली मे से भी तत्काल हटाने का भी उपबंध किया गया।
➝NRC का महत्व -यह अवैध प्रवास को नियंत्रित करेगा
लोगो की पहचान सुनिश्चित करेगा जिससे राजी के लिए नीति बनाने मे उपयुक्त मदद मिल सकेगी।
यह एक पूर्ण दस्तावेज़ होगा जिसके तहत अवैध रूप से रहने से पकड़े जाने पर कारावास का भी प्रावधान होगा।
इससे देश मे चल रही तस्करी व देश विरोधी गतिविधियो पर लगाम लगाई जा सकेगी।
कुल मिलाकर हम कह सकते है की पूरे देश का एक नागरिक रजिस्टर होना चाहिए जिससे एक तो जनसंख्या का सटीकता से पता चल सकेगा , दूसरा राजी द्वारा नीति निर्धारण मे फायदा होगा, तीसरा राज्य के संसाधनो पर अनावश्यक बोझ नहीं पड़ेगा ।